बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2025: प्रमुख विवरण, दिशा-निर्देश और
राजनीतिक घटनाक्रम
बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा 2025 आज, 17 फरवरी से शुरू हो गई है, जिसमें
राज्यभर के छात्र-छात्राएं इस महत्वपूर्ण शैक्षिक परीक्षा में भाग ले रहे हैं।
इस वर्ष परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जाएगी, जो 25 फरवरी 2025 तक
चलेगी। इस परीक्षा में
1,677 परीक्षा केंद्रों पर
1,585,868 परीक्षार्थी शामिल होंगे। इनमें 767,746 पुरुष परीक्षार्थी और 811,122 महिला
परीक्षार्थी हैं, जो इस वर्ष के परीक्षा परिणाम में
महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।
परीक्षा का विस्तृत समय-सारणी और स्थान
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने परीक्षा के लिए व्यापक
व्यवस्था की है, ताकि छात्रों की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। पटना,
जो बिहार का राजधानी शहर है, में 73 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जहां
71,000 छात्र-छात्राएं परीक्षा देंगे। इनमें से 60,069 पुरुष
परीक्षार्थी और 10,931 महिला परीक्षार्थी शामिल हैं।
परीक्षा दो अलग-अलग पालियों में आयोजित की जाएगी:
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पहली पाली : 9:30 AM से 12:45 PM तक
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दूसरी पाली : 2:00 PM से 5:00 PM तक
यह पालीकरण छात्रों की सुविधा के लिए किया गया है, ताकि केंद्रों पर भीड़ कम
हो और परीक्षा सुरक्षित एवं व्यवस्थित रूप से आयोजित की जा सके। छात्रों को
समय से 30 मिनट पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचने की सलाह दी गई है, क्योंकि केंद्र के
गेट परीक्षा के शुरू होने से 30 मिनट पहले बंद कर दिए जाएंगे। इसका
उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी छात्र देर से परीक्षा केंद्र में न
पहुंचे और परीक्षा प्रक्रिया में कोई विघ्न न आए।
परीक्षा केंद्र में प्रवेश के दिशा-निर्देश और सुरक्षा उपाय
BSEB ने परीक्षा के दिन के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं,
ताकिड़ परीक्षा के दौरान अनुशासन बनाए रखा जा सके और कोई भी गबड़ी न हो। प्रमुख दिशा-निर्देशों में से एक यह है कि
परीक्षा केंद्र के गेट 30 मिनट पहले बंद कर दिए जाएंगे, ताकि कोई भी
छात्र देर से न पहुंचे। छात्रों से अनुरोध किया गया है कि वे अपनी परीक्षा के
लिए समय से पहले केंद्र पर पहुंचें, ताकि कोई समस्या न हो।
इसके अलावा, BSEB ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सभी परीक्षा केंद्रों पर
सुरक्षा जांच कड़ी की जाएगी। परीक्षा केंद्र में प्रवेश के समय सभी
छात्रों की तलाशी ली जाएगी ताकि अवैध सामग्री का प्रवेश न हो सके। इसके साथ
ही, बोर्ड ने यह स्पष्ट किया है कि यदि कोई
छात्र दीवार पर चढ़ने या अवैध तरीके से परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने का
प्रयास करेगा, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। बोर्ड ने कहा है कि
ऐसे मामलों में संबंधित छात्र को परीक्षा से बाहर कर दिया जाएगा और उनके
खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाएगी।
परीक्षा केंद्रों में सुरक्षा को लेकर धातु स्कैनर, CCTV कैमरे और
सुरक्षा कर्मचारियों की तैनाती की गई है। छात्रों को याद दिलाया गया है कि
धोखाधड़ी या अनुशासनहीनता के किसी भी प्रयास के खिलाफ तुरंत कार्रवाई
की जाएगी।
महिला परीक्षार्थियों की बढ़ती संख्या
इस वर्ष बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा में महिला परीक्षार्थियों की
संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है। इस बार कुल 811,122 महिला
परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हो रही हैं, जो पुरुषों की संख्या 767,746
से अधिक है। यह बढ़ोतरी महिलाओं के शिक्षा के प्रति जागरूकता और उन्हें
समान अवसर प्रदान करने के प्रयासों का परिणाम है। बिहार में
लड़कियों के शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में लगातार काम हो
रहा है, और इसके परिणामस्वरूप अधिक से अधिक लड़कियां उच्च शिक्षा की ओर
आकर्षित हो रही हैं।
राज्य सरकार और विभिन्न गैर-सरकारी संगठन
लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं, ताकि वे
भी अपने सपनों को साकार कर सकें और समाज में अपनी पहचान बना सकें। यह
सकारात्मक बदलाव दर्शाता है कि लड़कियों को समान शैक्षिक अवसर प्रदान करने
की दिशा में राज्य में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
निष्कर्ष
बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2025 एक महत्वपूर्ण घटना है, जिसमें लाखों
छात्र-छात्राएं अपनी कड़ी मेहनत का परिणाम जानने के लिए तैयार हैं। महिला
छात्रों की बढ़ती संख्या, कड़ी सुरक्षा उपाय, और परीक्षा के दौरान
अनुशासन बनाए रखने के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देश यह साबित करते हैं कि
परीक्षा को निष्पक्ष और व्यवस्थित तरीके से आयोजित करने के लिए सभी संभव
कदम उठाए गए हैं। वहीं, राजनीतिक घटनाक्रम, जैसे कि कांग्रेस नेतृत्व की
आलोचना और खुशरीद आलम का बयान, बिहार की राजनीतिक स्थिति को लेकर गहरी
बहस का कारण बन रहे हैं।
जैसे-जैसे परीक्षा का समय नजदीक आएगा, यह उम्मीद की जाती है कि सभी
परीक्षार्थी नियमों का पालन करेंगे और परीक्षा में अपने सर्वश्रेष्ठ
प्रयास देंगे। वहीं, बिहार की राजनीतिक परिस्थितियां भी समय के साथ बदलती
रहेंगी, जो राज्य की आगामी चुनावी राजनीति को प्रभावित करेंगी।